सब्ज मोतिया (ग्लूकोमा)

परिचय : =>


       इसमें रोगी को सफेद रोशनी के चारों ओर इन्द्रधनुष के जैसा अलग-अलग रंग का गोल मण्डल दिखाई पड़ता है। आंखों की रोशनी कम हो जाती है और सब कुछ धुंधला सा दिखाई देता है। आंखों में हल्का सा दर्द होता है। इसमें आंख की पुतलियों में कठोरता आ जाती है।

लक्षण : =>

सब्ज मोतियाबिंद में आंख में पानी भर जाने से आंख का कोया (आंख के अंदर का काला भाग) पत्थर जैसा हो जाता है। इस रोग में रोशनी के चारों ओर अनेक रंग दिखाई देने लगते हैं जो इस रोग के शुरू होने के लक्षण हैं। कभी-कभी यह रोग अचानक हो जाता है जैसे कि सोते समय व्यक्ति की आंखें ठीक होती हैं पर रात को अचानक आंखों में तेज दर्द होने लगता है और सुबह तक उसे दिखाई देना बंद हो जाता है। कुछ लोगों की आंखों में धीरे-धीरे पानी भरने लगता है, दोनों आंखें सफेद रंग की हो जाती हैं और आंखों की रोशनी चली जाती है।

कापरिचय :
       इसमें रोगी को सफेद रोशनी के चारों ओर इन्द्रधनुष के जैसा अलग-अलग रंग का गोल मण्डल दिखाई पड़ता है। आंखों की रोशनी कम हो जाती है और सब कुछ धुंधला सा दिखाई देता है। आंखों में हल्का सा दर्द होता है। इसमें आंख की पुतलियों में कठोरता आ जाती है।

लक्षण :
सब्ज मोतियाबिंद में आंख में पानी भर जाने से आंख का कोया (आंख के अंदर का काला भाग) पत्थर जैसा हो जाता है। इस रोग में रोशनी के चारों ओर अनेक रंग दिखाई देने लगते हैं जो इस रोग के शुरू होने के लक्षण हैं। कभी-कभी यह रोग अचानक हो जाता है जैसे कि सोते समय व्यक्ति की आंखें ठीक होती हैं पर रात को अचानक आंखों में तेज दर्द होने लगता है और सुबह तक उसे दिखाई देना बंद हो जाता है। कुछ लोगों की आंखों में धीरे-धीरे पानी भरने लगता है, दोनों आंखें सफेद रंग की हो जाती हैं और आंखों की रोशनी चली जाती है।

कारण :
       सब्ज मोतियाबिंद होने के सही कारणों का अभी तक तो कोई पता नहीं चला पाया है लेकिन पेट का खराब होना, अपच (भोजन का न पचना), गैस इस रोग को पैदा करने के ज्यादा प्रमुख कारण हैं। इसलिए पेट को साफ रखना चाहिए और अपच, गैस से बचना चाहिए।

विभिन्न औषधियों से उपचार:

1. जंगली अजवायन : आंखों की रोशनी तेज करने के लिए जंगली अजवायन की चटनी बनाकर खानी चाहिए।

2. सौंफ : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से 2 ग्राम सौंफ रोजाना खाने से आंखों से धुंधला दिखाई देने का रोग ठीक हो जाता है।

3. समुद्रफेन : आंखों के रोगों की चिकित्सा में समुद्रफेन का विशेष स्थान है। इसे सुरमे में मिलाकर काजल की तरह आंखों में लगाने से आंखों से दिखाई न देना और धुंधला दिखाई देना आदि रोग दूर होते हैं।

4. सत्यानाशी का दूध : सत्यानाशी के दूध को घी में मिलाकर रोजाना 2 से 3 बार आंखों में लगायें। इसके दूध को सुखाकर भी रखा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर घी में मिलाकर आंखों में लगाने से आंखों की रोशनी तेज हो जाती है।

5. प्याज : अन्धेपन और आंखों से धुंधला दिखाई देने पर प्याज के रस को शहद में मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आराम आता है।

6. गोलोचन : गोलोचन को पीसकर शहद में मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों की रोशनी तेज होती है।

7. कबाबचीनी : आंखों से सब कुछ धुंधला दिखाई देने या बिल्कुल ही न दिखाई देने पर 1 से 4 ग्राम शीतल चीनी (कबाबचीनी) सुबह-शाम रोगी को खिलाने से आराम आता है और आंखों से दिखाई देने लगता है।

8. गंधमालती : गन्धमालती के पुष्पों (फूलों) को पीसकर लेप करने से आंखों के रोगों में लाभ होता है।

9. अगस्त के फूल : आंखों की रोशनी कमजोर होने पर या आंखों से दिखाई न देने पर अगस्त के फूलों का रस रोजाना 2 से 3 बार आंखों में डालने से काफी आराम आता है।

10 .तम्बाकू : तम्बाकू के ज्यादा सेवन करने से अगर आंखों की रोशनी चली गई हो तो 60 से 240 ग्राम शोधित कुचला का चूर्ण सेवन करने से फायदा होता है।

11. ममीरा : ममीरा को रोजाना आंखों में काजल की तरह लगाते रहें। यह आंखों के कई रोगों में लाभकारी है।

12. ब्राह्मी तेल : ब्राह्मी तेल और औषधि सिद्ध तेल की सिर पर मालिश करने से बाल और बुद्धि (दिमाग की शक्ति) तो बढ़ती है। इसके साथ ही आंखों की रोशनी भी तेज होती है।

13. आलू : कच्चे आलू को ऊपर से छीलकर साफ पत्थर पर घिसकर सलाई के सहारे आंखों में लगाने से आराम आता है।

14. त्रिफला (बहेड़े, हरड़, आंवला) चूर्ण : लगभग 3 से 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को सुबह-शाम देशी घी और शहद के साथ मिलाकर आंखों में लगाने से हर प्रकार के आंखों के रोगों में आराम आता है।

15. नीम : नीम के तने की छाल की राख को सुरमे की तरह आंखों में लगाने से आंखों का धुंधलापन दूर होता है।

16. घी : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग धात्री लौह को खाना खाने के पहले और बाद में घी और शहद के साथ सेवन करने से पाचन विकार (खाना न पचने की बीमारी) तो ठीक होती ही है इसके साथ ही आंखों की रोशनी भी तेज होती है और सफेद बाल भी काले हो जाते हैं।

17. खमीरा : लगभग 3 से 6 ग्राम खमीरे गावजवान (अम्बरी) को रोजाना 2-3 बार गाय के दूध के साथ लें या खमीरे गावजवान 10 ग्राम में चांदी का वर्क मिलाकर 120 मिलीलीटर गावजायन अर्क (रस) के साथ या ताजे पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज हो जाती है और दिल और दिमाग तरो-ताजा हो जाता है।
कारण : =>

       सब्ज मोतियाबिंद होने के सही कारणों का अभी तक तो कोई पता नहीं चला पाया है लेकिन पेट का खराब होना, अपच (भोजन का न पचना), गैस इस रोग को पैदा करने के ज्यादा प्रमुख कारण हैं। इसलिए पेट को साफ रखना चाहिए और अपच, गैस से बचना चाहिए।

विभिन्न औषधियों से उपचार:=>

1. जंगली अजवायन : आंखों की रोशनी तेज करने के लिए जंगली अजवायन की चटनी बनाकर खानी चाहिए।

2. सौंफ : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से 2 ग्राम सौंफ रोजाना खाने से आंखों से धुंधला दिखाई देने का रोग ठीक हो जाता है।

3. समुद्रफेन : आंखों के रोगों की चिकित्सा में समुद्रफेन का विशेष स्थान है। इसे सुरमे में मिलाकर काजल की तरह आंखों में लगाने से आंखों से दिखाई न देना और धुंधला दिखाई देना आदि रोग दूर होते हैं।

4. सत्यानाशी का दूध : सत्यानाशी के दूध को घी में मिलाकर रोजाना 2 से 3 बार आंखों में लगायें। इसके दूध को सुखाकर भी रखा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर घी में मिलाकर आंखों में लगाने से आंखों की रोशनी तेज हो जाती है।

5. प्याज : अन्धेपन और आंखों से धुंधला दिखाई देने पर प्याज के रस को शहद में मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आराम आता है।

6. गोलोचन : गोलोचन को पीसकर शहद में मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों की रोशनी तेज होती है।

7. कबाबचीनी : आंखों से सब कुछ धुंधला दिखाई देने या बिल्कुल ही न दिखाई देने पर 1 से 4 ग्राम शीतल चीनी (कबाबचीनी) सुबह-शाम रोगी को खिलाने से आराम आता है और आंखों से दिखाई देने लगता है।

8. गंधमालती : गन्धमालती के पुष्पों (फूलों) को पीसकर लेप करने से आंखों के रोगों में लाभ होता है।

9. अगस्त के फूल : आंखों की रोशनी कमजोर होने पर या आंखों से दिखाई न देने पर अगस्त के फूलों का रस रोजाना 2 से 3 बार आंखों में डालने से काफी आराम आता है।

10 .तम्बाकू : तम्बाकू के ज्यादा सेवन करने से अगर आंखों की रोशनी चली गई हो तो 60 से 240 ग्राम शोधित कुचला का चूर्ण सेवन करने से फायदा होता है।

11. ममीरा : ममीरा को रोजाना आंखों में काजल की तरह लगाते रहें। यह आंखों के कई रोगों में लाभकारी है।

12. ब्राह्मी तेल : ब्राह्मी तेल और औषधि सिद्ध तेल की सिर पर मालिश करने से बाल और बुद्धि (दिमाग की शक्ति) तो बढ़ती है। इसके साथ ही आंखों की रोशनी भी तेज होती है।

13. आलू : कच्चे आलू को ऊपर से छीलकर साफ पत्थर पर घिसकर सलाई के सहारे आंखों में लगाने से आराम आता है।

14. त्रिफला (बहेड़े, हरड़, आंवला) चूर्ण : लगभग 3 से 5 ग्राम त्रिफला चूर्ण को सुबह-शाम देशी घी और शहद के साथ मिलाकर आंखों में लगाने से हर प्रकार के आंखों के रोगों में आराम आता है।

15. नीम : नीम के तने की छाल की राख को सुरमे की तरह आंखों में लगाने से आंखों का धुंधलापन दूर होता है।

16. घी : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग धात्री लौह को खाना खाने के पहले और बाद में घी और शहद के साथ सेवन करने से पाचन विकार (खाना न पचने की बीमारी) तो ठीक होती ही है इसके साथ ही आंखों की रोशनी भी तेज होती है और सफेद बाल भी काले हो जाते हैं।

17. खमीरा : लगभग 3 से 6 ग्राम खमीरे गावजवान (अम्बरी) को रोजाना 2-3 बार गाय के दूध के साथ लें या खमीरे गावजवान 10 ग्राम में चांदी का वर्क मिलाकर 120 मिलीलीटर गावजायन अर्क (रस) के साथ या ताजे पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज हो जाती है और दिल और दिमाग तरो-ताजा हो जाता है।

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